आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इतिहास: एक रोमांचक सफर
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), यानी कृत्रिम बुद्धिमत्ता, आज हमारी ज़िंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। स्मार्टफोन से लेकर ऑटोमैटिक कारों तक, चैटबॉट्स से लेकर स्वास्थ्य सेवाओं तक, हर जगह AI का प्रभाव दिखाई देता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस अद्भुत तकनीक का सफर कैसे शुरू हुआ? चलिए, आज हम AI(आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के इतिहास पर एक नज़र डालते हैं।

AI(आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का आरंभ: 1950 का दशक
AI की शुरुआत 1950 के दशक में हुई। इस दशक को कंप्यूटर साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का स्वर्ण युग कहा जा सकता है।
1950: एलन ट्यूरिंग (Alan Turing) ने अपने प्रसिद्ध पेपर “Computing Machinery and Intelligence” में एक महत्वपूर्ण सवाल पूछा: “क्या मशीनें सोच सकती हैं?” उन्होंने ट्यूरिंग टेस्ट का प्रस्ताव रखा, जो यह जांचने का एक तरीका था कि क्या मशीन इंसानों की तरह सोच सकती है।

1956: डार्टमाउथ सम्मेलन (Dartmouth Conference) में पहली बार “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस” शब्द का उपयोग हुआ। जॉन मैकार्थी (John McCarthy), मार्विन मिंस्की (Marvin Minsky), क्लॉड शैनन (Claude Shannon) और एलन न्यूवेल (Allen Newell) जैसे वैज्ञानिकों ने AI को एक स्वतंत्र क्षेत्र के रूप में स्थापित किया।
शुरुआती उम्मीदें और असफलताएं (1957-1970)
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) के शुरुआती विकास ने वैज्ञानिकों को यह विश्वास दिलाया कि कुछ ही वर्षों में कंप्यूटर इंसानों की तरह सोचने लगेंगे। लेकिन वास्तविकता कुछ और थी।
शुरुआती सिस्टम जैसे Logic Theorist और General Problem Solver ने कुछ बुनियादी समस्याएं हल कीं, लेकिन जटिल कार्यों में वे विफल रहे।
1960 के दशक में भाषा समझने वाले सिस्टम ELIZA और SHRDLU विकसित किए गए, लेकिन उनकी क्षमताएं सीमित थीं।
AI की सर्दी (AI Winter) (1970-1980)
1970 के दशक में जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) परियोजनाएं अपेक्षित सफलता नहीं दिला पाईं, तब इस क्षेत्र में सरकारी फंडिंग कम हो गई। इसे AI Winter कहा जाता है।
विशेषज्ञ प्रणालियाँ (Expert Systems) जैसे MYCIN और DENDRAL ने इस दौर में कुछ सफलता हासिल की, लेकिन इनके विकास और रखरखाव की लागत अधिक थी।
पुनरुत्थान (AI Revival) (1980-1990)
1980 के दशक में जापान की Fifth Generation Computer Systems (FGCS) परियोजना और विशेषज्ञ प्रणालियों की सफलता ने AI में नई जान फूंकी।
कंपनियों ने विशेषज्ञ प्रणालियों को अपनाना शुरू किया।
1986 में, जेफ्री हिंटन (Geoffrey Hinton) और उनकी टीम ने बैकप्रोपेगेशन एल्गोरिदम (Backpropagation Algorithm) विकसित किया, जिससे न्यूरल नेटवर्क्स की दक्षता बढ़ी।
मशीन लर्निंग और इंटरनेट युग (1990-2010)
1990 के दशक में मशीन लर्निंग (Machine Learning) ने AI को एक नई दिशा दी।
1997: IBM के सुपरकंप्यूटर Deep Blue ने शतरंज चैंपियन गैरी कास्पारोव (Garry Kasparov) को हराया।
1990-2000: इंटरनेट की लोकप्रियता ने बड़े डेटा (Big Data) को जन्म दिया, जिससे मशीन लर्निंग एल्गोरिदम को अधिक प्रशिक्षण डेटा मिला।
2006: गहरी शिक्षा (Deep Learning) की अवधारणा को बढ़ावा मिला, जिससे कंप्यूटर विज़न और प्राकृतिक भाषा समझ (NLP) में क्रांति आई।
आधुनिक युग: AI का स्वर्णकाल (2010-आज तक)
2010 के बाद AI ने जबरदस्त प्रगति की।
2011: IBM के Watson ने क्विज़ शो Jeopardy! में मानव प्रतियोगियों को हराया।
2016: गूगल की DeepMind कंपनी के AlphaGo ने गो (Go) खेल में विश्व चैंपियन ली सेडोल (Lee Sedol) को हराया, जो अब तक सबसे कठिन खेलों में से एक माना जाता था।
2020 के बाद: GPT-3, GPT-4 और अन्य बड़े भाषा मॉडल्स (LLMs) ने प्राकृतिक भाषा समझ और संवाद क्षमताओं को अभूतपूर्व स्तर तक पहुंचाया।
भविष्य की ओर: AI का अगला अध्याय
AI का भविष्य बेहद रोमांचक है। हम पहले से ही स्वायत्त वाहनों (Autonomous Vehicles), हेल्थकेयर, शिक्षा, और वित्तीय सेवाओं में AI का व्यापक उपयोग देख रहे हैं।
Explainable AI (XAI) को विकसित किया जा रहा है ताकि AI निर्णयों को समझा जा सके।
AGI (Artificial General Intelligence) की दिशा में शोध जारी है, जिसका लक्ष्य ऐसे सिस्टम बनाना है जो इंसानों की तरह बहुमुखी सोच सकें।
निष्कर्ष:
AI का सफर आश्चर्यजनक रहा है। शुरुआती उम्मीदों, असफलताओं और असंख्य नवाचारों के बाद, आज AI हमारे जीवन को आसान और स्मार्ट बना रहा है। आने वाले वर्षों में, AI के नए आयाम हमारी कल्पना से भी आगे निकल सकते हैं।
आपका इस तकनीकी क्रांति के बारे में क्या सोचना है? नीचे कमेंट में जरूर बताएं!
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