लोकसभा में पास हुआ New Citizenship Bill: अमित शाह ने कहा
भारतीय संसद में एक बार फिर एक महत्वपूर्ण कानून पारित किया गया है। गृह मंत्री अमित शाह द्वारा प्रस्तुत New Citizenship Bill (संशोधन) विधेयक लोकसभा में बहुमत से पास हो गया। इस विधेयक पर पूरे देश में चर्चा हो रही है, क्योंकि इसका सीधा प्रभाव भारतीय नागरिकता की नीति और प्रवासन से जुड़े कानूनों पर पड़ेगा।

क्या है यह New Citizenship Bill?
यह विधेयक उन प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने की प्रक्रिया को सरल बनाता है जो भारत में शरण लेने के इच्छुक हैं। विशेष रूप से, इसमें पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए अल्पसंख्यकों को प्राथमिकता दी गई है। इन समूहों में हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोग शामिल हैं, जिन्हें अपने देश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है।

अमित शाह ने क्या कहा?
गृह मंत्री अमित शाह ने इस विधेयक को पेश करते हुए लोकसभा में कहा कि “भारत एक संप्रभु देश है और अपने नियम खुद तय करता है। यह विधेयक उन लोगों के लिए आशा की किरण है जो वर्षों से भारत में शरण की तलाश कर रहे हैं।” उन्होंने विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि यह कानून भारत के संविधान के मूल सिद्धांतों के अनुरूप है और इससे देश की सुरक्षा एवं सामाजिक ताने-बाने को कोई खतरा नहीं है।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
इस विधेयक को लेकर विपक्षी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कुछ दलों का कहना है कि यह कानून धर्म के आधार पर नागरिकता देने की नीति को बढ़ावा देता है, जो भारतीय संविधान की धर्मनिरपेक्षता की भावना के खिलाफ है। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और अन्य पार्टियों ने इस पर तीखी बहस की और इसे भेदभावपूर्ण बताया।
समर्थन और विरोध के कारण
New Citizenship Bill के समर्थन में तर्क दिया जा रहा है कि भारत को अपने पड़ोसी देशों में सताए गए अल्पसंख्यकों को आश्रय देने का नैतिक दायित्व निभाना चाहिए। वहीं, विरोध करने वालों का कहना है कि यह कानून उन शरणार्थियों को नज़रअंदाज कर देता है जो अन्य देशों से आए हैं लेकिन इस सूची में शामिल नहीं हैं।
भारत की संप्रभुता और आत्मनिर्भरता का संदेश
अमित शाह ने इस विधेयक के जरिए यह संदेश दिया कि भारत अपनी नीतियां खुद तय करता है और किसी बाहरी दबाव में नहीं झुकेगा। उन्होंने कहा कि यह कानून अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार बनाया गया है और किसी भी समुदाय के खिलाफ नहीं है।
आगे का रास्ता
अब New Citizenship Bill राज्यसभा में पेश किया जाएगा, जहां इसके पारित होने के लिए अधिक गहन चर्चा होगी। यदि यह वहां भी पारित हो जाता है, तो इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद कानून का रूप दे दिया जाएगा।
New Citizenship Bill पर देशभर में चर्चाएं तेज हो गई हैं, और इसके प्रभाव को लेकर आने वाले समय में और बहसें देखने को मिल सकती हैं।
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