Rajdoot 350: मोटरसाइकिल, जिसे आमतौर पर भारतीय बाजार में सिर्फ “राजदूत” के नाम से जाना जाता है, एक प्रतिष्ठित बाइक है जो अपनी मजबूत बनावट और अद्वितीय डिजाइन के लिए प्रसिद्ध है। यह बाइक भारत में 1980 और 1990 के दशक के दौरान युवाओं और बाइक प्रेमियों के बीच काफी लोकप्रिय थी। नीचे राजदूत 350 की विस्तृत जानकारी दी गई है:
Rajdoot 350 new model launch और इतिहास
Rajdoot 350 को भारत में Escorts Group द्वारा लॉन्च किया गया था। यह बाइक यामाहा RD 350 का भारतीय संस्करण थी। यामाहा ने इस बाइक को जापान और अन्य अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बड़ी सफलता के साथ पेश किया था, और भारत में इसे स्थानीय बाजार की जरूरतों के अनुसार संशोधित किया गया था। भारत में इसका निर्माण 1983 से शुरू हुआ और इसे जल्द ही क्लासिक और प्रतिष्ठा की वस्तु के रूप में देखा जाने लगा।
Rajdoot 350 इंजन और प्रदर्शन
- इंजन प्रकार: दो-सिलेंडर, एयर-कूल्ड, टू-स्ट्रोक इंजन।
- इंजन क्षमता: 347 सीसी।
- पावर आउटपुट: Rajdoot 350 के स्टैंडर्ड मॉडल में लगभग 30.5 हॉर्सपावर होती थी जबकि हाई पावर वर्जन 27 हॉर्सपावर तक सीमित किया गया था।
- अधिकतम टॉर्क: लगभग 32 एनएम (Newton-Meter)।
- टॉप स्पीड: इस बाइक की टॉप स्पीड लगभग 130-140 किमी/घंटा थी, जो उस समय के हिसाब से बेहद प्रभावशाली थी।
- क्लच और ट्रांसमिशन: 6-स्पीड गियरबॉक्स, जो चिकनी और तेज गति प्रदान करता था।
Rajdoot 350 डिजाइन और स्टाइल
Rajdoot 350 का डिजाइन अपने समय से आगे था। इसके डबल क्रैडल फ्रेम और मस्कुलर बॉडी इसे न केवल आकर्षक बनाते थे बल्कि इसे रोड पर स्थिरता भी प्रदान करते थे। इसकी चौड़ी हैंडलबार और क्लासिक स्टाइल वाली हेडलाइट्स इसे एक प्रतिष्ठित लुक देती थीं।
Rajdoot 350 की विशेषताएं
- ब्रेकिंग सिस्टम: फ्रंट में डिस्क ब्रेक और रियर में ड्रम ब्रेक।
- सस्पेंशन: फ्रंट में टेलीस्कोपिक फोर्क्स और रियर में ट्विन शॉक्स सस्पेंशन, जो आरामदायक सवारी सुनिश्चित करते थे।
- वजन: बाइक का कुल वजन लगभग 155 किलोग्राम था, जो इसे एक मजबूत और स्थिर बाइक बनाता था।
- फ्यूल टैंक क्षमता: लगभग 16 लीटर, जो लंबी यात्राओं के लिए पर्याप्त थी।
- माइलेज: इसका माइलेज लगभग 20-25 किमी/लीटर था, जो कि एक 2-स्ट्रोक इंजन वाली बाइक के हिसाब से औसत माना जाता है।
Rajdoot 350 लोकप्रियता और प्रभाव
Rajdoot 350 को भारतीय मोटरसाइकिल बाजार में प्रतिष्ठा की एक नई ऊंचाई तक पहुंचाया गया। इसकी आवाज और प्रदर्शन की वजह से इसे अक्सर रेसिंग और स्टंट के लिए भी पसंद किया जाता था। हालांकि, इसका मुख्य प्रतिद्वंद्वी रॉयल एनफील्ड था, फिर भी राजदूत ने अपने आकर्षण और अलग शैली से अपनी जगह बनाए रखी।
Rajdoot 350 कमियां और उत्पादन बंद होना
हालांकि Rajdoot 350 अपने समय की एक अद्वितीय बाइक थी, लेकिन इसमें कुछ कमियां भी थीं। इसका माइलेज तुलनात्मक रूप से कम था और 2-स्ट्रोक इंजन होने के कारण प्रदूषण के नियमों को पूरा करना कठिन था। 1990 के दशक के अंत में भारतीय बाजार में सख्त उत्सर्जन नियमों के चलते इसका उत्पादन बंद कर दिया गया।
Rajdoot 350 संग्रहणीय मूल्य
आज भी, Rajdoot 350 को एक क्लासिक बाइक के रूप में जाना जाता है और पुराने बाइक प्रेमियों के बीच इसकी काफी मांग है। इसे कलेक्टर की वस्तु माना जाता है और अच्छी स्थिति में यह बाइक आज भी ऊंची कीमत पर बिक सकती है।
Rajdoot 350 निष्कर्ष:
Rajdoot 350 भारतीय बाइकिंग इतिहास में एक सुनहरे अध्याय के रूप में जानी जाती है। इसकी शानदार बनावट, शक्तिशाली इंजन और पुरानी यादें इसे आज भी लोगों के दिलों में जीवित रखती हैं। माना जा रहा कि Rajdoot 350/Royal Enfield के मुकाबले भारी पड़ सकती है
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