, लेखक “ओमवीर शर्मा” और चैनल “OneBharatTV”
What is Interest Rate? Explained in Simple Terms
लेखक: ओमवीर शर्मा
चैनल: OneBharatTV
Interest Rate – एक ऐसा शब्द जो हम सभी ने सुना है, लेकिन बहुत से लोग इसकी गहराई से जानकारी नहीं रखते। आज के इस ब्लॉग में हम समझेंगे कि ब्याज दर क्या होती है, यह कैसे काम करती है और हमारे जीवन पर इसका क्या असर पड़ता है।

Interest Rate क्या होती है?
जब आप किसी बैंक या वित्तीय संस्था से कर्ज (loan) लेते हैं, तो उस पैसे पर आपको एक अतिरिक्त राशि चुकानी होती है – इसी अतिरिक्त राशि को ‘ब्याज’ कहते हैं। और यह ब्याज कितने प्रतिशत देना होगा, यह जो दर होती है, उसे कहते हैं ‘ब्याज दर’ या Interest Rate।
उदाहरण के तौर पर, अगर आपने बैंक से ₹1,00,000 का कर्ज लिया और बैंक ने 10% ब्याज दर लगाई, तो आपको ₹10,000 ब्याज देना होगा। यानी कुल ₹1,10,000 वापस करने होंगे।

Interest Rate कैसे तय होती हैं?
भारत में ब्याज दरें कई फैक्टर पर निर्भर करती हैं:
- भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI): RBI जब रेपो रेट बढ़ाता या घटाता है, तो उसका सीधा असर बैंकों की ब्याज दरों पर पड़ता है।
- मांग और आपूर्ति: जब मार्केट में पैसों की कमी होती है, तो ब्याज दरें बढ़ जाती हैं।
- महंगाई (Inflation): ज्यादा महंगाई होने पर RBI ब्याज दरें बढ़ा सकता है ताकि खर्च को नियंत्रित किया जा सके।
Interest Rate के प्रकार
- स्थिर ब्याज दर (Fixed Interest Rate): इसमें ब्याज दर तय रहती है, चाहे बाजार में जो भी बदलाव हों।
- परिवर्तनीय ब्याज दर (Floating Interest Rate): इसमें ब्याज दर समय-समय पर बदलती रहती है, RBI की नीति के अनुसार।
हमारे जीवन में इसका प्रभाव
लोन महंगा या सस्ता: ब्याज दर बढ़ने से लोन महंगे हो जाते हैं और घटने से सस्ते।
बचत पर असर: जब ब्याज दरें अधिक होती हैं, तो बैंक में जमा राशि पर भी अच्छा ब्याज मिलता है।
बिज़नेस निर्णय: कंपनियां भी ब्याज दर को ध्यान में रखकर निवेश और उधारी का निर्णय लेती हैं।
निष्कर्ष
Interest Rate एक ऐसा औजार है जो हमारी जेब से लेकर देश की अर्थव्यवस्था तक असर डालता है। इसके उतार-चढ़ाव को समझना और समय पर सही निर्णय लेना बहुत जरूरी है।
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लेखक: ओमवीर शर्मा
चैनल: OneBharatTV
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